सर्दी के मौसम में छूट रहे गर्म पसीने...


शामली: विपक्षी शक्तियां प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने और जनता में असंतोष पैदा करने का कोई मौका नही छोड़ रही है। इसी के चलते इन दिनों सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन की बाढ़ सी आ गई है। हालात ऐसे हैं कि धरना-प्रदर्शन और माहौल को काबू में करने के लिए सर्दी में भी अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। 
  राजनीति की कुर्सी वोट बैंक से हासिल की जाती है। राजनीति के धुरंधर यह अच्छी तरह जानते हैं। ऐसे में जनता में असंतोष का भाव करने के लिए नई-नई साजिशें होती रहती है। कुछ ऐसा ही इन दिनों यूपी में भी होता नजर आ रहा हैं। यहां बीजेपी सरकार भले ही जनता के हित में अच्छे कार्य कर रही है, लेकिन भ्रष्टाचारी मशीनरी के चलते सरकार को कुछ हद तक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। सरकारी योजनाओं में धांधलेबाजी इन दिनों चरम पर है। ऐसा मातहतों को खुला छोड़ देने की वजह से हो रहा है। इसी का लाभ उठाते हुए अब सरकार विरोधी शक्तियां जनता में असंतोष पैदा करने का कोई मौका नही छोड़ रही है। खास बात यह भी है कि इन दिनों सरकार सरकारी विभागों के धरना प्रदर्शनों से भी घिरी हुई है। इन्हीं के बीच विपक्षी भी बहती गंगा में हाथ सेंकने का काम कर सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने की कवायद में जुट गए हैं। सरकार को ऐसे हालातों पर नजर बनाते हुए जनता की शिकायतों की शीघ्रता से सुनवाई करने की जरूरत है।


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सम्पादकीय
व्यापारियों व किसानों के गठबंधन से सरकार के सर में बढ़ेगा दर्द।उत्तर प्रदेश में बढ़ी विद्युत दरों के खिलाफ गुरूवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल द्वारा सभी जिलों में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे गए। शामली में भी संगठन द्वारा सुभाष चौक पर धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार से बढ़ी विद्युत दरों को वापस लेने की मांग की। शामली: पूर्व निर्धारित योजना के तहत गुरूवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया गया। शामली के सुभाष चौक पर आयोजित धरने को किसान संगठनों का भी सहयोग मिला। प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दास गर्ग ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि विद्युत दरें देश भर के सभी राज्यों में पहले से ही काफी अधिक हैं, इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों और किसानों व आम उपभोक्ताओं की विद्युत की दरें 15 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई हैं, जोकि न्याय संगत नही है। मंदी की मार झेल रहा व्यापारी घाटे में व्यापार चला रहा है। प्रदेश सरकार की यह कार्रवाई व्यापारियों—किसानों का उत्पीड़न करने वाली है।मंदी की मार झेल रहे व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न व्यापारी सेना से पंकज वालिया ने बताया कि व्यापारियों एवं दुकानदारों की कमर्शियल विद्युत दरें घरेलू दरों से लगभग डेढ़ गुने से भी अधिक हैं, यानि घरेलू विद्युत दरें लगभग छह रूपए प्रति यूनिट पड़ती है, जबकि कमर्शियल विद्युत दरों का 11 रूपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान देना होता है। आखिरकार सरकार द्वारा छोटे दुकानदारों और व्यापारियों पर विद्युत दरें डेढ़ गुनी क्यों की गई है? इन विद्युत दरों को बराबर किया जाए, ताकि मंदी की मार झेल रहा व्यापारी वर्ग अपने परिवार का जीवन यापन कर सके। धरना प्रदर्शन पर पहुंचे एसडीएम संदीप कुमार को व्यापारियों ने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बढ़ती विद्युत दरों को वापस लेने की मांग की। व्यापारियों ने बुलंद की आवाज धरने पर जिला महामंत्री कंवरवीर सिंह कांबोज, नगर महामंत्री रवि संगल, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजभूषण संगल, नगर ईकाई अध्यक्ष अजेश कुमार मित्तल, प्रहलाद नामदेव, अशोक कुमार नामदेव, रामदयाल गर्ग, धनराज बंसल, प्रदीप विश्वकर्मा, रामकुमार राय, चौधरी सवित मलिक अध्यक्ष किसान यूनियन, कुलदीप गर्ग कुड़ाना, जयपाल सिंह कुडाना, अजय बंसल झिंझाना, विनोद संगल झिंझाना, रवि मित्तल चौसाना, अजेश मित्तल चौसाना, युवा अध्यक्ष मनोज मित्तल, युवा महामंत्री शिवांक गर्ग, मनोज कुमार, गौरव बंसल, सचिन गोयल एडवोकेट, पवन कंसल, डा. ओमवीर, जितेंद्र कुमार, नरेंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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