अयोध्या फैसला: अधिकारियों के जिला मुख्यालय छोड़ने पर लगी पाबंदी

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के चलते जनपद में साम्प्रदायिक सौहार्द एवं अमन चैन बनाए जाने के उद्देश्य से बुधवार को मंडलायुक्त व डीआईजी ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गयी तैयारियों का जायजा लिया। मंडलायुक्त ने एसडीएम व थानाध्यक्षों को संवेदनशील व अतिसंवेदनशील गांवों के संबंध में जानकारी ली तथा पूरी टीम के साथ गांवों में भ्रमण कर संभ्रांत लोगों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने मंदिर व मस्जिद में सुरक्षा समिति बनाने के साथ-साथ दोनों ही धार्मिक स्थलों, गांवों व मुख्य बाजारों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए ताकि हर गतिविधि पर कडी नजर रखी जा सके। उन्होंने 30 नवम्बर तक किसी भी अधिकारी के मुख्यालय न छोडने व भडकाऊ मैसेज पोस्ट करने वालों पर कडी कार्रवाई के निर्देश दिए।


शामली: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मद्देनजर बुधवार को मंडलायुक्त सहारनपुर संजय कुमार व डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने शामली कलेक्ट्रेट पहुंचकर कानून व्यवस्था बनाए जाने के संबंध में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गयी तैयारियां का जायजा लिया। इस मौके पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित मीटिंग में मंडलायुक्त ने एसडीएम व थानाध्यक्षों से क्षेत्रवार अति संवेदनशील व संवेदनशील गांवों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने पूरी टीम के साथ गावों में पैदल मार्च कर व्यवस्था का जायजा लेने तथा संभ्रांत लोगों के साथ पीस कमेटी की बैठक लेने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने कहा कि शासकीय कर्मचारी एवं संभ्रांत लोगों की सूची बनाई जाए तथा उनके माध्यम से सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था कराई जाए। सुरक्षा समिति बनाने के साथ-साथ मंदिरों, मस्जिदों, संवेदनशील व अति संवेदनशील गांवों, मुख्य बाजारों में भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं ताकि हर गतिविधि पर कडी नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि 30 नवम्बर तक कोई भी अधिकारी मुख्यालय नहीं छोडेगा। अयोध्या मामले में फैसले को लेकर भडकाऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि रेलवे, बस स्टैंड और फुटपाथ पर कोई भी बेसहारा व्यक्ति न सोए इसका विशेष ध्यान रखना है। यदि कोई बेसहारा व्यक्ति खुले में सोता मिले तो उसकी व्यवस्था रेन बसेरे में की जाएं उन्होंने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। 
बैठक में डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे सभी मंदिर, मस्जिदों व मजरों की शत-प्रतिशत सूची बना लें तथा बडे मंदिरों व मस्जिदों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गार्डों की व्यवस्था कराएं। सैक्टर व जोनल मजिस्ट्रेटों के रूप में जिनकी ड्यूटी लगायी गयी है वो पूरी टीम के साथ क्षेत्र में भ्रमण करें। स्कूल कालेजों में जाकर बच्चों को यह जानकारी दें कि कोई भी गलत मैसेज सोशल मीडिया पर न डालें। जनपद में जितने भी महत्वपूर्ण स्थान हैं वहां पर अलर्ट रहते हुए अपनी ड्यूटी को अंजाम दें। उन्होंने अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए। बैठक में डीएम अखिलेश सिंह, एसपी अजय कुमार, सीडीओ शंभूनाथ तिवरी, एडीएम अरविन्द कुमार सिंह, एएसपी राजेश श्रीवास्तव, एसडीएम सदर संदीप कुमार, एसडीएम कैराना डा. अमितपाल शर्मा, एसडीएम ऊन गौरव सिंह सोगरवाल, सीएमओ डा. संजय भटनागर, परियोजना निदेशक ज्ञानेश्वर तिवारी, जिला विकास अधिकारी प्रमोद कुमार, सीओ, थानाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।


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सम्पादकीय
व्यापारियों व किसानों के गठबंधन से सरकार के सर में बढ़ेगा दर्द।उत्तर प्रदेश में बढ़ी विद्युत दरों के खिलाफ गुरूवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल द्वारा सभी जिलों में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे गए। शामली में भी संगठन द्वारा सुभाष चौक पर धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार से बढ़ी विद्युत दरों को वापस लेने की मांग की। शामली: पूर्व निर्धारित योजना के तहत गुरूवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया गया। शामली के सुभाष चौक पर आयोजित धरने को किसान संगठनों का भी सहयोग मिला। प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दास गर्ग ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि विद्युत दरें देश भर के सभी राज्यों में पहले से ही काफी अधिक हैं, इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों और किसानों व आम उपभोक्ताओं की विद्युत की दरें 15 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई हैं, जोकि न्याय संगत नही है। मंदी की मार झेल रहा व्यापारी घाटे में व्यापार चला रहा है। प्रदेश सरकार की यह कार्रवाई व्यापारियों—किसानों का उत्पीड़न करने वाली है।मंदी की मार झेल रहे व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न व्यापारी सेना से पंकज वालिया ने बताया कि व्यापारियों एवं दुकानदारों की कमर्शियल विद्युत दरें घरेलू दरों से लगभग डेढ़ गुने से भी अधिक हैं, यानि घरेलू विद्युत दरें लगभग छह रूपए प्रति यूनिट पड़ती है, जबकि कमर्शियल विद्युत दरों का 11 रूपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान देना होता है। आखिरकार सरकार द्वारा छोटे दुकानदारों और व्यापारियों पर विद्युत दरें डेढ़ गुनी क्यों की गई है? इन विद्युत दरों को बराबर किया जाए, ताकि मंदी की मार झेल रहा व्यापारी वर्ग अपने परिवार का जीवन यापन कर सके। धरना प्रदर्शन पर पहुंचे एसडीएम संदीप कुमार को व्यापारियों ने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बढ़ती विद्युत दरों को वापस लेने की मांग की। व्यापारियों ने बुलंद की आवाज धरने पर जिला महामंत्री कंवरवीर सिंह कांबोज, नगर महामंत्री रवि संगल, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजभूषण संगल, नगर ईकाई अध्यक्ष अजेश कुमार मित्तल, प्रहलाद नामदेव, अशोक कुमार नामदेव, रामदयाल गर्ग, धनराज बंसल, प्रदीप विश्वकर्मा, रामकुमार राय, चौधरी सवित मलिक अध्यक्ष किसान यूनियन, कुलदीप गर्ग कुड़ाना, जयपाल सिंह कुडाना, अजय बंसल झिंझाना, विनोद संगल झिंझाना, रवि मित्तल चौसाना, अजेश मित्तल चौसाना, युवा अध्यक्ष मनोज मित्तल, युवा महामंत्री शिवांक गर्ग, मनोज कुमार, गौरव बंसल, सचिन गोयल एडवोकेट, पवन कंसल, डा. ओमवीर, जितेंद्र कुमार, नरेंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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