सम्पादकीय
खामो.....श.... श...श..? माननीय का P.A, 'पिये हुए हैं'। पार्टी और नेताओ की बदौलत या फिर लहर में जीते माननीय को 5 साल तक यही घमंड रहता है कि जो जीत उन्हें मिली है, वो उसके रसूक व कार्यशैली या फिर पार्टी के लिए काम करने के इनाम के रूप में मिली है। माननीय महोदय को अपनी गलतफहमी का अहसास उस वक्त…